मैं तो हैरान हो गयी जब मुझे चोदने वाला मेरा हसबैंड नहीं कोई और दो लड़के थे . एक लण्ड मैं मुंह में लेकर चूस रही थी तब तक किसी ने एक लण्ड मेरी चूत में पेल दिया . लण्ड मुझे चूत में पेलवाना अच्छा लगा इसलिए मैं कुछ बोली नहीं बस चुदवाती रही . थोड़ी देर में चूत वाला लण्ड मुह में घुस गया और मुह वाला लण्ड चूत में . मैं समझी की एक लण्ड मेरे मियां का है और दूसरा उसके दोस्त का होगा ? हमारे यहाँ अक्सर ऐसा होता है की दूल्हा का दोस्त भी दुल्हन को चोदने लगता है
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दुल्हन खूब मजे से दोनों लण्ड से चुदवाती है . इसलिए मैं भी चुदवाने लगी . जब थोड़ी रौशनी हुई तो मैंने देखा की उन दोनों में से मेरा हसबैंड कोई नहीं है ? मैं थोडा हैरान हुई . तब तक मेरी ननद बोली भाभी चिंता न करो तेरा हसबैंड अपनी भाभी की बुर चोद रहा है . और तुझे एक तो मेरा हसबैंड चोद रहा है और दूसरा उसका दोस्त है.. मैंने कहा :- इसका मतलब यह है की यहाँ न तो मेरा हसबैंड है और न ही मेरे हसबैंड का दोस्त ? आप यह कहानी
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नन्द बोली :- अरी मेरी बुर चोदी भाभी तुझे आज के दिन लण्ड से मतलब है की आदमी से ? तुझे दो लण्ड चाहिए आज सुहागरात के दिन बस ? अब लण्ड किसका है इसकी चिंता न कर . तू जा और मस्ती से चुदवा ?
इतने में मैं बाथ रूम जाने लगी. तब मैंने देखा की यहाँ तो मेरी माँ चुद रही है. चोदने वाले एक नहीं तीन तीन लण्ड है. एक उसकी बुर में घुसा है. दूसरा उसके मुह में और तीसरा गांड मार रहा है. लेकिन मेरे माँ के चेहरे में तनिक भी सिकन नहीं है. वह तो बड़े मजे से तीनो लण्ड झेल रही है. गचागच भकाभक चुदवा रही है. बड़ी मस्ती से चुदवा रही है मेरी माँ. मैंने कहा हाय अल्ला, कैसा इत्तिफाक है ? सुहाग रात है मेरी और चुद रही है मेरी माँ ?
मैंने कहा :- तू भोषड़ी की मेरी ननद मेरी माँ चुदवा रही है वह भी मेरी सुहागरात में ? तू तो बहुत ज़ालिम है. ननद बोली :- अरी बहन की लौड़ी मेरी भाभी, तेरी ही माँ ही नहीं चुद रही है ? ज़रा आगे बढ़ कर देख मेरी भी माँ चुद रही है . वह भी खुले आम…
मैंने आगे कदम बढाया तो वहां का सीन देख कर ज्यादा हैरान हो गई. मैंने देखा की मेरे मियां की माँ चुद रही है और चोदने वाला कोई और नहीं बल्कि मेरे अब्बू है. मेरा अब्बू अपना पूरा लण्ड बार बार बाहर निकाल निकाल कर फिर पेल देता है मेरी सास की चूत में. मैं मन ही मन बहुत खुश हुई की चलो मेरी माँ के साथ साथ मेरे पति की भी माँ चुद रही है. इस समय मेरे अब्बू का लौड़ा बड़ा खूखार हो गया है ,. वास्तव में मेरी सास का भोषडा ऐसे चुद रहा है की जैसे कोई घोडा घोड़ी की चूत चोदता है . इतने में मेरी ननद बोली भाभी ज़रा बगल के कमरे भी झाँक कर देख ले न. मैंने जब वहां देखा तो मैं और भी मस्त हो गई. मैंने देखा की मेरा शौहर अपनी भाभी की बुर चोद रहा है . मैंने मन ही मन कहा वाह वाह क्या चारों तरफ चुदाई हो रही है ?
मैंने सोचा की जब की मेरी माँ चुद रही है . मेरे मियां की माँ चुद रही है . मेरी जेठानी चुद रही है तो फिर मुझे गैर मर्दों से चुदाने में क्या परहेज ?
मैं तुरंत लौट आई अपने बेड पर और बुर खोल कर टाँगे फैला दी . वे दोनों तो लण्ड खड़ा किये हुए मेरा इंतज़ार कर ही रहे थे ,. एक ने मेरी बुर में पेला लण्ड और दूसरे ने मुह में . मुझे दुगुना मज़ा आने लगा . लेकिन इस बार चोदने वाले बदल गए थे . मैंने पूंछा भी नहीं ? मुझे तो लण्ड पसंद आए तो मैं चुदवाती चली गई. मेरी ननद ने खुद बताया की जब तुम अपनी माँ की चुदाई देख रही थी तो मेरी खाला उन दोनों को अपने कमरे में ले गई और खुद ही चुदाने लगी . उनके बदले में मैंने अपने देवर और अपने जीजू को भेज दिया है तुम्हे चोदने के लिए. इस बार चुदाने में मुझे ज्यादा मज़ा आ रहा था .
मैंने पूंछा :- हाय मेरी ननद यहाँ घर में मेरी माँ चुद रही है , मेरी सास चुद रही है मेरी जेठानी चुद रही है और मेरी खाला सास चुद रही है . मैं चुद रही हूँ तो तू मादर चोद क्यों नहीं चुद रही है? क्या तेरी चूत अभी तक गरम नहीं हुई ?
ननद बोली :- हाय भाभी मेरी चूत तो भठ्ठी हो गई है पर मेरे घर के रिवाज़ के मुताबिक भाई जान की सुहागरात में बहन सब की चुदाई का पूरा इंतजाम करती है. घर भर की सभी बुर चोदी जाती है इस दिन . सबकी बुर में लण्ड पेले जाते है. लेकिन पराये मर्दों के लण्ड? यहाँ तुमने देखा की कोई भी अपनी बीवी की बुर नहीं चोद रहा है. सब दूसरों की बीवियां चोद रहे है. सभी औरतें गैर मर्दों से चुदवा रही है. कोई एक लण्ड से कोई दो लण्ड से कोई तीन लण्ड से. अगर लण्ड की कमी होती है तो मैं बाहर से लण्ड मंगवा लेती हूँ. लेकिन सबकी चूत को पूरा मज़ा देती हूँ .
ऐसा कहा जाता है की इस दिन अगर सबकी चूत अच्छी तरह चुदती है तो वह ज़िन्दगी भर खूब चुदती रहेगी . उसे कभी लण्ड की कमी महसूस नहीं होगी? जहाँ तक मेरी चुदाई का सवाल है. जो लोग आज सबको चोद रहे है वही लोग कल मुझे चोदेंगें. मैंने कहा :- तो कल तुम मेरे अब्बू से भी चुदवाओगी?
उसने कहा :- हां बिलकुल कल उसके लण्ड का मज़ा लूंगी मैं. वैसे मैंने देखा है की तेरा अब्बू मादर चोद बड़ा चोदू है. उसका लण्ड भी सबसे बड़ा है. मैंने कहा :- तो आज तेरा अब्बू किसको चोद रहा है ?
उसने बताया:- आज मेरा अब्बू पड़ोसन की बुर चोद रहा है. वह अकेली है. उसका हसबैंड बाहर गया है. तो वह मेरे अब्बू को ले गई चुदवाने के लिए. मेरी नई पड़ोसन है . अभी 32 साल की है. बड़ी जबरदस्त लण्ड की दीवानी है. अभी दो दिन पहले ही उसने मेरे हसबैंड का लण्ड मेरे सामने ही पकड़ लिया और मेरे बेड पर लेट कर ही चुदवाया. मैं कुछ नहीं बोलीं. मैं भी उसके हसबैंड को नंगा करके अपने घर ले आई और लण्ड अपनी बुर में पेल कर चुदवाने लगी. मैं किसी से कम नहीं हूँ भाभी? मेरी चूत साली बड़ी चुदक्कड़ है.
दोस्तों, मैं यहाँ मेरी सुहागरात मनाने के बाद अपने हसबैंड के साथ सुहागरात मनाने एक शहर में चली गई क्योंकि मैंने अभी तक अपने मियां से चुदवाया ही नहीं था. वहां पहुँचने पर मैंने अपना सामान रूम में रखा और हम दोनों बाहर घूमने के लिए निकल ही रहे थे कि मेरे बगल के कमरे में एक कपल आ गया . इतीफाक से जब मैंने उसको देखा तो कहा अरे तू यहाँ कैसे? वह मेरे कॉलेज के दिनों की फ्रेंड थ . उसने कहा मैं यहाँ अपने हसबैंड के साथ हनीमून पर आई हूँ. ये मेरे मियां है और इसके साथ इसका दोस्त भी है. मैंने कहा यार तो इसके सामने तुम कैसे मनाओगी हनीमून? उसने कहा अरे मेरी जान यह भी मेरे साथ रहेगा. आप यह कहानी हिंदी सेक्स स्टोरीज वेबसाइट पर पढ़ रहे है।
फिर वह मुझे एक कोने में ले गई और बोली मैं इन दोनों से चुदवाकर मनाऊंगी हनीमून. मैं दो लण्ड से चुदवाकर हनीमून मानना चाहती हूँ . मैंने कहा यार मुझे भी मौका दो न प्लीज. हम दोनों अपना हनीमून एक ही कमरे में मनाएगी और हम दोनों ही इन तीनों के लंडो का मजा ले सकेगी. उसने कहा यार तुम अपने मियां से बात कर लो. वह मान जाये तो मेरे कमरे में आ जाना. फिर हम सब मिलकर मनाएगें हनीमून. दो चूत और तीन लण्ड के साथ. लण्ड बदल – बदल कर चुदवाने में बड़ा मज़ा आएगा.
मैंने जब अपने हसबैंड से कहा तो वह बहन चोद फ़ौरन तैयार हो गया. बस हम दोनों मेरी फ्रेंड के कमरे में चले गए. मेरी फ्रेंड ने ड्रिंक्स का इंतजाम किया था. हम पांचो लोग शराब का मज़ा लेने लगे. मेरी दोस्त ने धीरे धीरे अपनी चूंचियां खोल दी और मुझे भी खोलने का इशारा किया. मैंने तो चूंचियां क्या चूत भी खोल कर दिखा दिया. मेरी दोस्त का मियां मुझे नंगी देखता रहा. मेरी दोस्त के पति के दोस्त ने तो हाथ बढाकर मेरी चूंचियां पकड़ ली. मेरी फ्रेंड का हसबैंड अपनी बीवी को भूल गया और मेरी तरफ आकर मुझे चिपका लिया. मैं उसका लंड टटोलने लगी. मैं एक साथ ही दोनों के लंड ढूढने लगी. दोनों मदर चोदों को नंगा करके उनके लंड पकड़ लिए. मेरे दोनों हाथ में लंड आ गए. मेरी फ्रेंड मेरे हसबैंड का लंड पकड़ कर सहलाने लगी. लंड टन टना उठा.
मेरी फ्रेंड बोली :- हाय अल्ला, इसका लण्ड तो गज़ब का है ? यार ये तो मेरी चूत फाड़ देगा. मैंने कहा :- तो क्या हुआ फड़वा ले न अपनी चूत? देख मैं भी तो चूत फडवाने ही आई हूँ यहाँ? मैं तो एक ही लण्ड से फडवाने आई थी यहाँ मुझे दो नये लण्ड और मिल गए .
मेरी फ्रेंड बोली :- हां यार इत्तिफाक है? मुझे भी दो के वजाए तीन लण्ड मिल गए . हनीमून मनाकर जब मैं वापस अपने घर गई तो देखा की मेरी माँ भोषड़ी वाली एकदम नंगी पड़ी है. उसके हाथ में मेरे ससुर का लण्ड है और बुर में मेरे पडोसी का लण्ड. अम्मी बड़े मजे से दोनों लण्ड से चुदवाने में लगी है. मैं थोडा छुप गई तो देखा की ससुर का लण्ड अम्मी के मुह में घुस गया और पडोसी का लण्ड अम्मी की गांड में. मुझे अपने ससुर का लण्ड ज्यादा पसंद आया. ज्यादा मोटा था उसका लण्ड और वह पूरा लण्ड पेल पेल कर चोद रहा था. फिर मैं रुकी नहीं मुझे भी जोश आ गया और मैं अपने ससुर के पास चली गई. आप यह कहानी हिंदी सेक्स स्टोरीज वेबसाइट पर पढ़ रहे है।
मैंने मेरी माँ के हाथ से मेरे ससुर का लंड छुड़वाया और मैं मेरे ससुर को मेरे में ले गई. यह देखकर मेरी माँ बहुत खुश नजर आ रही थी. मैंने कमरे में जाते ही मेरे सारे कपड़े निकाल दिए और झट से अपने ससुर का लंड अपनी बुर के मुंह पर रख दिया. मेरे ससुर ने एक ही झटके में पूरा लंड मेरी चूत में डाल दिया. मैं बिन पानी की मछली की तरह तिलमिलाने लगी. मुझे पूरा मजा आ रहा था. 20 – 25 मिनट बाद मेरे ससुर ने चूत में से लंड निकाला और मेरी गांड में डाल दिया. काफी समय तक दबा – दब लंड पेलने के बाद ही मेरे ससुर जी झड़े, तब तक मैं 6 बार झड़ चुकी थी. इस तरह हमारे यहाँ हर शादी में सुहागरात के दिन चुदाई का मौसम आता ही रहता है. इस दिन कोई भी किसी को भी चोद सकता है कोई भी औरत किसी भी दुसरे आदमी से चुदवा सकती है, इसमें किसी को किसी से कोई एतराज नहीं होता है.
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