टीचर की सेक्सी
चुदाई कहानी मेरी
ट्यूशन वाली टीचर
की है. उसने
ही मुझे चोदना
सिखाया था. उसकी
शादी से कुछ दिन पहले
मैंने उसे पुनः
चोदा.
इस सेक्स कहानी
का आज फिर से लिखने
का एक विशेष
कारण है जो आपको ये
टीचर की सेक्सी
चुदाई कहानी पढ़
कर समझ आएगा.
ट्यूशन वाली कोमल
दीदी तो आपको
याद ही होगी,
यदि नहीं … तो
आप मेरी पुरानी
सेक्स कहानी पढ़
कर उनके विषय
में जान लें.
कैसे अपने नाम
जैसी कोमल और सुंदर कोमल
दीदी ने मुझे सेक्स करना
सिखाया और अपनी चूत के
साथ साथ दो और चूत
को चोदने का
मौका दिया.
अब वर्तमान में आते हैं. कोमल
दीदी की शादी हो चुकी
है.
मैं, राधिका और
मोनिका तीनों कॉलेज
में साथ साथ पढ़ते हैं.
कोमल दीदी अपनी
ससुराल से अपने घर आई
थीं. उनके साथ
उनका बच्चा भी
था तो मैं कोमल दीदी
को सड़क पर जाते हुए
देख कर सिहर गया और
मेरी सालों पुरानी
यादें ताजा हो गईं कि
कैसे हम सब चुदाई करते
थे, कैसे दीदी
ने मुझे सेक्स
के बारे में
सिखाया और नए अनुभव से
परिचय करवाया.
मैं उन्हें अब
कुछ बोल नहीं
सकता था क्योंकि
दो साल शादी
होने के बाद मेरा और
कोमल दीदी का कोई रिश्ता
रहा ही नहीं
… फिर चुदाई करने
का उन्हें ऐसा
क्या कह दूँ, जिससे वो
फिर से मेरे लिए वही
प्यार बरसा सकें.
मैं काफी उधेड़
बुन में अपने
कॉलेज में गया और पार्क
में बैठ ख्याली
बातों से अपना दिल बहलाता
रहा.
तभी मेरी नजर
फोन पर गई तो मोनिका
के मैसेज को
देख मेरी उदासी
में नई किरण उगने जैसा
महसूस हुआ.
मैंने ट्यूशन जरूर
कोमल दीदी से ली थी
पर मेरा सारी
समस्याओं का हल
सिर्फ मोनिका के
पास होता था.
इसलिए मैं राधिका
के लाख बोलने
पर भी मोनिका
से दूर नहीं
जा सका.
इस बात को लेकर मेरा
और राधिका का
झगड़ा होता है.
हम काफी दिन
तक एक दूसरे
से प्यार या
सेक्स भी नहीं करते हैं.
इस वक्त मोनिका
मुझे बिलकुल आशीर्वाद
देने वाली देवी
की तरह लगी तो मैंने
झट से मोनिका
को फोन किया
और उससे मिलने
के लिए बोला.
वो भी कॉलेज
में ही थी तो उसने
मुझे अपने पास
बुला लिया.
मैंने उसकी क्लास
रूम में जाकर
देखा तो वहां मोनिका के
अलावा कुछ और लड़कियां भी थीं जिनमें से
एक मेरी गर्लफ्रेंड
राधिका भी थी.
वो सबसे बातें
करके मस्ती में
हंसी मजाक कर रही थी.
सबकी नजर मुझ
पर पड़ी तो मैंने हाय
बोला और मोनिका
की तरफ गया.
मोनिका ने कहा-
क्या हुआ शिव?
मैंने उसकी तरफ
इशारा करते हुए
बोला- धीरे बोलो.
वो मुझे बाहर
आने को बोल कर क्लासरूम
से बाहर निकल
गई.
मैं भी उसके पीछे पीछे
चल दिया.
हम दोनों पार्किंग
में आए तो मोनिका ने
पूछा- क्या हुआ
परेशान क्यों है?
मैं काफी संवेदनशील
हूँ, ये मोनिका
जानती है … इसलिए
वो समझ गई.
मैं बोला- मोनिका,
आज मैंने कोमल
दीदी को देखा,
उनसे बात करने
का मेरा बहुत
मन हुआ, पर हिम्मत नहीं
हुई.
मोनिका- कोई दिक्कत
नहीं है, दीदी
घर आ गई हैं, तो
हम शाम को उनसे मिलने
चलेंगे.
मैं- मोनिका यार,
तू समझ नहीं
रही है … बस अभी जाना
है.
मोनिका- मैं नहीं
समझ रही शिव!
मैं तुम्हें हर
इंच से जानती
हूँ.
ये बोल कर मुस्कुराने लगी.
मैं- मोनिका प्लीज
मजाक नहीं, हम
अभी चलते हैं.
मोनिका बाइक पर बैठ गई
और बोली- शिव
कोमल दीदी की शादी हो
गई है, ये वाली बात
याद है न!
उसके कहने से
मुझे कोमल दीदी
की शादी की सारी बातें
आ गईं, एक बार आपको
मैं फिर से वो सब
दुहरा देता हूँ.
इस सेक्स कहानी
के पिछले अंतिम
भाग में आपने
पढ़ा था कि कोमल दीदी
प्रेगनेंट हो गई
थीं और हम सबको इस
बात की बहुत चिंता हुई
थी.
राधिका तो मुझसे
दूर भागने लगी
थी पर मोनिका
फिर भी मुझे प्यार करती
और चुदाई करवाती
रही थी.
कई महीने तक
कोमल दीदी ने भी सेक्स
नहीं किया था.
तब कोमल दीदी
को मोनिका ने
ही टैबलेट दे
कर नॉर्मल किया
था.
वर्ना कोमल दीदी
मां बन जाती.
पर कोमल दीदी
की मॉम को कुछ पता
चल गया था और उन्होंने
उसकी शादी का सोचा.
फिर कुछ महीने
बाद उनकी शादी
फिक्स हो गई और हमारा
ट्यूशन जाना भी बंद हो
गया था.
शादी से पहले
मैंने कोमल दीदी
को कई बार फोन किया
पर वो मुझसे
बात नहीं करती
थीं.
तब मोनिका ने
एक प्लान बनाया.
कोमल दीदी को शादी के
मेकअप के लिए घर से
बाहर जाना पड़ता
था तो कोमल दीदी कभी
अपनी मॉम के साथ, तो
कभी मोनिका के
साथ भी जाती थीं.
एक दिन वो
जब पार्लर के
लिए जा रही थीं तो
मोनिका ने मुझे बुला लिया
था.
मैं रास्ते में
खड़ा होकर उन दोनों का
वेट करने लगा.
तभी कोमल दीदी
और मोनिका स्कूटी
पर आ रही थीं, मोनिका
ने स्कूटी रोक
ली तो मैंने
दीदी को मनाने
की कोशिश की.
तब दीदी ने बोला कि
शिव मैं तुमसे
नाराज नहीं हूँ,
बस अब तुमसे
दूर होना चाहती
हूं … मेरी शादी
हो रही है. मैं तुमसे
और ज्यादा क्लोज
नहीं होना चाहती.
वैसे भी तुम तो मुझसे
शादी करोगे नहीं.
मैं चुप हो
गया, मेरे पास
कोमल दीदी की बात का
जवाब नहीं था.
पर मोनिका बोली-
दीदी सही बोल रही हैं
शिव, तुम जाओ अब!
मैं वहां से
तो आ गया पर अब
सोचने लगा कि काश मैं
अपनी मॉम को बोल कर
कोमल दीदी से शादी कर
लूं.
पर वो अभी मानेंगी नहीं, मैं
इतना बड़ा नहीं
हुआ था और मेरी जॉब
भी नहीं लगी
थी.
अगले दिन मैं
और मोनिका कॉलेज
में मिले और पार्क में
ही वो मुझे अपने साथ
चिपकाने लगी तो मैं उसे
टॉयलेट में ले गया और
दोनों ने चुदाई
की जो जल्दी
ही खत्म हो गई.
तब मैंने मोनिका
से कहा कि वो कुछ
भी करके आज कोमल दीदी
को मना ले.
उसने हामी भर दी.
हम कॉलेज के
बाद घर आ गए.
मोनिका ने मुझे कॉल किया
और समझाया कि
तुम आज शाम को कहीं
रूम अरेंज कर
लो, मैं तुम्हें
कोमल दीदी की चूत दिलवाऊंगी.
मैं उसकी बात
को मजाक समझने
लगा, तो मोनिका
ने बताया कि
ये सच है.
मैंने होटल जाने
को बोला पर मोनिका ने
मना कर दिया कि प्रॉब्लम
हो जाएगी, तुम
कुछ और सोचो.
तभी मेरे दिमाग
में बहुत सारे
दोस्तों के रूम पर जाने
के विचार आए.
उनमें से एक दोस्त का
ख्याल आया, जो अभी ग्रेजुएशन
में हमारे कॉलेज
में पढ़ता है.
पर वो नया दोस्त था,
तो उस भरोसा
करना उतना आसान
नहीं था.
मैंने मोनिका को
थोड़ी देर बाद कॉल करने
को बोला और अपने दोस्त
को कॉल किया.
मैं उससे सामान्य
बात करने लगा
तो उसने बताया
कि वो अपने गांव गया
है.
उसका गांव दिल्ली
से थोड़ी ही
दूर है.
ये जानते ही
मैंने उससे पूछा-
अब तेरे रूम
पर कौन है?
तो उसने कहा-
रूम नहीं, वो
हमारा घर है … और वहां
मैं ही रहता हूं.
मैंने सोचा कि
ये सही रहेगा.
मैंने उसे पूरी
बात बताई तो वो मान
गया.
तब मैंने उससे
घर का एड्रेस
पूछा और चाभी का पूछ
कर उसके घर पर गया
तो लॉक लगा था.
उसने गेट के
पास रखे कूलर
के नीचे चाबी
रखी हुई बताई
थी, तो मैंने
ताला खोला और आस पड़ोस
में देखा.
वहां सब सामान्य
लगा. ज्यादा भीड़
नहीं थी और सब लोग
अपने ही घर में थे.
अब मैंने मोनिका
को घर के बारे में
बताया तो उसने शाम को
आने को फिक्स
कर दिया.
शाम को कोमल
दीदी और मोनिका
मेरी भेजी हुई
लोकेशन पर आ गईं, मैंने
गेट खोल कर स्कूटी अन्दर
लाने को बोला और हम
सब कमरे में
आ गए.
कोमल दीदी सोफा
पर बैठी हुई
थीं और मैं उनके सामने
बेड पर.
तभी मोनिका ने
बोलना शुरू किया-
दीदी जो हुआ वो सब
याद नहीं करते
हैं, वैसे भी अब तो
आपकी शादी होने
वाली है. आप जीजू का
बच्चा पैदा करो
या शिव का.
ये कह कर
मोनिका हा हा हा करके
हंसने लगी.
कोमल दीदी और
मैं शांत रहे.
फिर मोनिका ने
मुझे इशारा किया
तो मैं कोमल
दीदी के पास बैठ गया
और उन्हें सॉरी
बोला, तो कोमल दीदी ने
मुझे अपनी तरफ
खींच लिया और बांहों में
भर लिया.
मोनिका- हां ये
हुई न बात … हम सब
क्यों दूर भाग रहे है
… फिर से मस्ती
करते हैं.
मैंने भी हां बोला और
कोमल दीदी के गाल पर
किस कर दिया.
कोमल दीदी- नहीं,
अब मैं सेक्स
नहीं करूंगी … तुम
दोनों कर लो.
मैं- प्लीज दीदी.
तो कोमल दीदी
उठ कर चल दीं.
तब मोनिका ने
उन्हें रोका और बोली- दीदी
आप मत करो, मुझे तो
कर लेने दो
… बस आप थोड़ी
देर वेट कर लो.
मोनिका ने मेरी
तरफ इशारा किया
तो मैं समझ गया कि
हम दोनों सेक्स
करेंगे तो कोमल दीदी खुद
हमें ज्वाइन कर
लेंगी.
मैंने मोनिका को
कमर से पकड़ा
और ऊपर की तरफ उठा
लिया.
अब उसका मुखड़ा
मेरे सामने था
तो उसने मेरे
होंठों पर किस कर दिया
और मैं भी उसे बुरी
तरह से चूसने
चूमने लगा.
कोमल दीदी वहीं
गेट पर खड़ी रहीं और
हम दोनों को
देखती रहीं.
हम दोनों एक
दूसरे को बांहों
में लेकर अपने
शरीर के हर हिस्से को
रगड़ रहे थे.
मैंने मोनिका के
टॉप को उतरना
चाहा तो उसने खुद मेरी
हेल्प की और बहुत जल्दी
ही हम दोनों
बिना कपड़े के
बेड पर चढ़ गए.
मैंने मोनिका को
नीचे लेटा लिया
और उसकी गर्दन
को चूमते हुए
मैं उसके दोनों
चूचे दबाने लगा.
वो ‘आह आह
ओह माय गॉड’
की मादक सिसकारियां
निकालती रही.
मैंने उसकी गर्दन
के बाद गाल को, होंठों
को चूमा और उसकी एक
चूची पर अपना मुँह रख
दिया.
वो अपने पैरों
को मेरे पैर
से लपेट रही
थी और हाथों
को मेरी पीठ
पर कस रही थी.
मैं बारी बारी
से उसकी दोनों
चूचियों को मुँह में पकड़
कर खींच कर चूस रहा
था.
वो और मैं
इतने मदहोश हो
गए थे कि हम भूल
गए थे कि कोमल दीदी
को भी अपनी चुदाई का
हिस्सा बनाना है.
मैं बस मोनिका
को निचोड़ कर
चूसने में लगा हुआ था,
उसकी चूचियों को
निचोड़ने के बाद
में उसकी चूत
में लंड डाल कर धक्के
लगाने लगा और वो मस्ती
से चुदने लगी.
हम काफी देर
तक चुदाई करते
रहे और झड़ने
के बाद जब मैं मोनिका
के ऊपर लेट गया तब
कोमल दीदी ने आवाज दी.
उन्होंने गुस्से में
कहा- मोनिका, अब
तुम आ रही हो तो
ठीक … वर्ना मैं
तो जा रही हूं.
तभी मोनिका ने
भी मुझे अपने
ऊपर से उठाया
और मैं कोमल
दीदी को बड़ी उदास नजरों
से देखने लगा.
पर क्या फायदा
… क्योंकि अब वो
दोनों जा रही थीं.
मैं भी कुछ
देर बाद दोस्त
के घर से अपने घर
आ गया.
अब कोमल दीदी
की शादी के दिन नजदीक
आ रहे थे तो मेरी
बेचैनी बढ़ती जा
रही थी.
मैं किसी भी तरह कोमल
दीदी से एक बार मिलना
चाहता था.
शायद सेक्स के
ही लिए मेरा
मन बेचैन था.
मैंने मोनिका को
बहुत बार समझाया
और उससे कोमल
दीदी से बात करने को
बोला.
कोमल दीदी की
शादी के तीन दिन पहले
मैं कॉलेज में
गया था तो मोनिका का
फोन आया.
उसने मुझे बताया
कि कोमल दीदी
अभी मिलने को
बोल रही हैं.
मैं तो पागल
हो गया और बाइक उठाकर
भागने लगा.
तभी मेरा फोन
बजा, वो मोनिका
ने ही किया था.
उसने बताया कि
वो दोनों मेरे
दोस्त के घर के बाहर
हैं, पर वहां लॉक लगा
है.
मैंने उन्हें चाबी
के बारे में
बताया और वहीं रुकने को
बोला.
मैं बाइक की
स्पीड बढ़ाए जा रहा था
पर मुझे न जाने क्यों
ऐसा लग रहा था कि
मेरी बाइक की गति कम
पड़ गई है. मैं एक
पल में वहां
जाने की कोशिश
करने में लगा था.
वहां जाकर देखा
तो कोमल दीदी
की स्कूटी खड़ी
थी.
मैं भी गेट बंद करके
अन्दर आ गया.
कोमल दीदी शायद
मेरे एक्साइटमेंट को
समझ गईं और कमरे में
जाते ही मुझे अपने सीने
पर चिपका लिया.
मैं भी सालों
से बिछड़े हुए
प्रेमी की तरह उनके जिस्म
से लिपट गया.
हम काफी देर
तक एक दूसरे
के जिस्म को
ऐसे महसूस करते
रहे, जैसे हम एक दूसरे
से पूरी जिंदगी
लिपट कर गुजारने
की कोशिश कर
रहे हों.
मोनिका भी आकर
हम दोनों से
लिपट गई, तब हमें समझ
आया कि हम दोनों काफी
देर से एक दूसरे से
लिपटे हुए हैं.
मैंने अपना हाथ
कोमल दीदी की कमर से
निकाल कर मोनिका
की कमर पर रखा तो
मोनिका ने मेरे होंठों पर
किस किया.
कोमल दीदी ने
भी मुझे किस
किया.
मुझे मेरे पुराने
दिन की याद ताजा हो
गई.
मैंने कोमल दीदी
से कहा- अब सेक्स करते
हैं … बहुत दिन
से आपकी चूत
नहीं देखी.
तो वो हंसने
लगीं.
मैंने अपने कपड़े
उतारने में देर नहीं लगाई
पर कोमल दीदी
ने अभी अपनी
प्लाजो ही उतारी
थी.
वो अब भी ब्रा और
पैंटी पहनी हुई
थीं.
मैंने कोमल दीदी
को बेड के किनारे पर
लेटा कर उनके पैर उठाए
और उनकी पैंटी
उतार दी.
उनकी चूत बिल्कुल
साफ और चिकनी
थी.
मैंने तो बस
मदहोश होकर कोमल
दीदी की जांघों
के बीच में चेहरा रख
दिया और अपने होंठों से
उनकी कोमल जांघों
को चूमने लगा.
आह क्या मस्ती
थी.
मैं धीरे धीरे
करके उनकी जांघों
को चूमता रहा.
फिर उनकी चूत
के ऊपर वाले
हिस्से को चूमने
लगा, जहां बाल
होते हैं.
कोमल दीदी भी
अब मजा लेने
लगीं और अपने दोनों हाथ
मेरे सर पर रख दिए,
जैसे वो चूत में चाटने
को बोल रही हों.
मैं फिर से
उनकी चूत को चूमने लगा.
कोमल दीदी अपनी
जांघों को दबाने
लगीं. मैं भी अब होंठों
के बजाय जीभ
से उनकी चूत
के अन्दर वाले
हिस्से को रगड़ने
लगा.
वो कामुक सिसकारियां
भरने लगीं, मैं
पूरी जीभ को अन्दर तक
डाल कर घुमाने
लगा.
कुछ ही पलों में कोमल
दीदी ने अपना पानी छोड़
दिया जो मेरी जीभ पर
आ लगा.
मैं चुत के रस को
चाटता रहा.
फिर दीदी शांत
हो गईं तो मैंने दीदी
को बैठा कर उनकी ब्रा
खोल दी.
दीदी के दोनों
चूचे बाहर आ गए.
मैं उनसे खेलने
लगा और चूमने
लगा.
तब दीदी ने
अपने हाथ से मेरा तना
हुआ लंड पकड़ा
और हिलाने लगीं.
मैंने दीदी से
बोला- अन्दर डाल
दूं?
तो दीदी ने हां में
गर्दन हिला दी.
मैं तो दीदी
के ऊपर टूट पड़ा और
उनके ऊपर लेट कर लंड
अन्दर डाल दिया.
दीदी ने भी मेरी कमर
पर अपने दोनों
हाथ बांध दिए
और मैं दीदी
की चूत में धक्के लगाने
लगा.
कोमल दीदी वैसे
तो ज्यादा आवाज
नहीं करती थीं
पर आज उनकी मादक सिसकारियां
मुझे पागल बना
रही थीं.
मैं उनकी आवाजों
का जवाब तेज
तेज धक्के लगा
कर देने लगा
और दीदी मेरे
धक्के का जवाब सिसकारी भर कर.
ताबड़तोड़ चुदाई का
दौर पन्द्रह मिनट
तक चला.
अब हम दोनों
अपने जिस्मों को
एक दूसरे में
समा कर झड़ने
लगे और सांसों
को काबू करते
हुए शांत हो गए.
कोमल दीदी मेरी
पीठ पर हाथ फेर कर
प्यार से बात करने लगीं.
मोनिका ने हमारी
बात काटते हुए
कहा- दीदी, शिव
आज भी अन्दर
ही निकल गया
… आप ध्यान रखना.
कोमल दीदी बोलीं-
अब कोई फर्क
नहीं पड़ता … वैसे
भी सुहागरात में
पति भी तो अन्दर ही
निकालेगा. अब बच्चा
होगा तो किसी का भी
हो जाए, नो प्रॉब्लम.
उनके ये बोलने
के बाद हम सब मुस्कुरा
दिए और अगले दो दिन
तक हम तीनों
सेक्स करते रहे
जो शायद कोमल
दीदी के साथ आखिरी सेक्स
था.
दोस्तो, ये सेक्स
कहानी का वो हिस्सा था,
जो मैंने पहले
नहीं लिखा था.
मगर अब जब दीदी की
शादी हो गई और उनको
बच्चा भी हो गया, तब
एक बार फिर से दीदी
के साथ सेक्स
करने की अभिलाषा
ने मुझे उनकी
चुदाई की कहानी
लिखने का अवसर दे दिया.
टीचर की सेक्सी
चुदाई कहानी के
अगले भाग में मैं आगे
लिखूँगा कि शादी के बाद
दीदी ने मेरे साथ कैसे
चुत चुदाई का
मजा लिया.
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