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सुहानी मैडम को बहुत ही अच्छे से ट्यूशन क्लास में चोदा

मेरा नाम सूर्यांश है मैं कक्षा बारहवीं में पढ़ता हूं, यह हमारे स्कूल का आखिरी वर्ष है। मैं पढ़ने में अच्छा हूं परंतु मेरे घर की स्थिति बहुत खराब है, मेरे पिताजी ने मेहनत मजदूरी कर के मुझे एक अच्छे स्कूल में पढ़ाया लेकिन उनकी अब तबीयत खराब हो गई जिस वजह से वह मेरी फीस नहीं भर पा रहे थे। मुझे भी बहुत बुरा लगता था जब वह मेरी स्कूल की फीस नहीं दे पाते थे क्योंकि मेरे स्कूल के टीचर मुझे हमेशा ही डांटते रहते थे और कहते थे कि तुम्हारी फीस यदि समय पर नहीं आई तो तुम्हे स्कूल से निकाल देंगे। मुझे भी चिंता होती थी कि यदि मैंने फीस समय पर जमा नहीं की तो मुझे कहीं स्कूल से निकाल ना दिया जाए लेकिन मेरे दोस्त बहुत ही अच्छे हैं और वह बहुत ही बड़े घर से हैं इसलिए उन लोगों ने मेरी फीस जमा कर दी। उन लोगों ने मुझे पैसे दिए और कहने लगे कि तुम यह फीस जमा कर देना इसलिए मैं स्कूल की फीस समय पर जमा कर पाया, नहीं तो मैं कभी भी फीस जमा नहीं कर पाता।

मैं हमेशा ही अपने दोस्तों का बहुत एहसान मानता हूं, उन्होंने मेरी बहुत ज्यादा मदद की और हमेशा ही वह मेरे साथ खड़े रहते हैं। हमारे स्कूल में ही एक टीचर हैं, उनका नाम सुहानी हैं। उनकी उम्र भी ज्यादा नहीं है, वह सब की बहुत मदद करती हैं इसलिए सब बच्चे उन्हें बहुत ही मानते हैं और उनकी क्लास बहुत ही अच्छे से पढ़ते हैं। वह बहुत ही अच्छा पढ़ाती हैं और मुझे भी उनकी क्लास पढ़ना बहुत अच्छा लगता है। मेरा दोस्त हमेशा ही मेरी बहुत मदद करता है, उसी की वजह से मैं फीस जमा कर पाया था। उसी ने हमारे क्लास में सब बच्चों से कहा कि सब लोग थोड़ा थोड़ा पैसा मिला कर सूर्यांश की मदद करें,  जब सुहानी मैडम को मेरी स्थिति के बारे में पता चला तो वह मुझे कहने लगी कि तुम मुझे मेरे ऑफिस में मिलना, मैं जब उनके ऑफिस में गया तो वह मुझे कहने लगी तुम्हारे पिताजी क्या करते हैं, मैंने उन्हें बताया कि मेरे पिताजी मेहनत मजदूरी कर के घर का खर्चा चलाते हैं। उन्हें मेरी बात सुन कर बहुत बुरा लगा और उन्होंने मुझे कुछ पैसे दे दिए, मैंने उन्हें कहा कि आप यह पैसे मुझे किस लिए दे रही हैं। वह कहने लगी कि तुम यह पैसे अपने पास रखो और अपने पिताजी को दे देना। उन्होंने मुझे वह पैसे दिए और उसके बाद मैं उनके कैबिन से चला आया। मुझे सुहानी मैडम बहुत ही अच्छी लगती हैं और उन्होंने जिस प्रकार से मेरी मदद की वह मुझे बहुत ही अच्छा लगा।

मैंने जब घर में अपने पिताजी को वह पैसे दिए तो वह कहने लगे कि यह पैसे तुम कहां से लाए, मैंने उन्हें कहा कि स्कूल में मेरी एक मैडम है वह बहुत ही अच्छी हैं, उन्होंने ही मुझे यह पैसे दिए हैं। उन पैसों से कुछ दिनों तक हमारे घर का खर्चा चल सकता था इसलिए मेरी मां ने घर का राशन भरवा दिया। मुझे एक दिन सुहानी मैडम मिली और मैंने उनसे कहा कि मैडम क्या आप मुझे ट्यूशन पढ़ा सकती हैं, वह कहने लगी ठीक है वैसे तो मैं किसी को भी ट्यूशन नहीं पढ़ाती पर तुम मेरे घर पर आ जाना। मैं उनके घर पर ट्यूशन पढ़ने के लिए जाने लगा। जब मैं उनके घर पर ट्यूशन पढ़ने जाता था तो मुझे वह बहुत अच्छे से पढ़ाती थी और मुझे उनका पढाया हुआ एकदम से समझ आ जाता था और मुझे उनसे पढ़कर बहुत ही अच्छा लगता था। सुहानी मैडम भी बात करने में बहुत अच्छी हैं और उनका व्यवहार बहुत ही अच्छा है। वह स्कूल में भी सब बच्चों को बहुत अच्छे से पढ़ाते हैं और जब मैं उनके घर जाता तो वह मुझे भी बहुत अच्छे से पढ़ाती थी। मेरा दोस्त गौरव मुझे कहने लगा क्या तुम सुहानी मैडम के पास ट्यूशन पढ़ने के लिए जा रहे हो, मैंने उसे बताया कि हां मैं मैडम के पास ट्यूशन पढ़ने के लिए जाता हूं। मैंने जब उसे यह बात बताई की मैडम मुझसे फीस नहीं ले रहे हैं तो वह खुश हो गया और कहने लगा यह तो मैडम का बड़प्पन है कि वह तुम्हें फ्री में ही ट्यूशन पढ़ा रहे हैं। गौरव मुझसे कहने लगा कि मैं भी चाहता हूं कि तुम इस वर्ष क्लास में टॉप करो क्योंकि पढ़ने में मैं बहुत अच्छा था। सुहानी मैडम भी मुझ पर पूरा ध्यान दे रही थी और वह मुझे बहुत अच्छे से पढ़ाती थी।

उन्हें भी मेरे बारे में मालूम था कि मैं पढ़ने में बहुत अच्छा हूं इसलिए वह मुझ पर पूरा ध्यान देती और मुझे बहुत ही अच्छे से पढ़ाती थी। कभी-कभार वह मुझे पैसे से भी मदद कर दिया करती थी, वह मुझे पैसे दे दिया करती थी और कहती थी कि यह पैसे तुम अपने घर पर दे देना। मैं वह पैसे अपने घर पर दे देता था इसलिए मुझे मैडम बहुत ही अच्छी लगती थी। एक बार वह मुझे अपने साथ मॉल में ले गई और उन्होंने मुझे कुछ कपड़े दिलवा दिए। मैंने पहले उन्हें मना किया परंतु उन्होंने मुझे कहा कि तुम यह कपड़े ले लो। अब उन्होंने मुझे वह कपड़े दिलवा दिए। जब मैं वह कपड़े पहन कर उनके घर पर गया तो वह कहने लगे कि आज तो तुम बहुत ही अच्छे लग रहे हो, मैंने उन्हें कहा कि यह तो आप ने ही दिलवाए हैं। वह बहुत ही खुश हो रही थी और कह रही थी कि मुझे वाकई में तुम्हारी मदद कर के बहुत सुकून मिलता है। मैंने उनसे पूछा कि आप क्यों मेरी मदद करती हैं,  वह कहने लगी कि पहले मेरी स्थिति भी तुम्हारे जैसे ही थी इसलिए मैं सोचती हूं कि क्यों ना मैं तुम्हारी मदद कर दूं ताकि तुम भी पढ़ लिख कर कुछ अच्छा कर सको। मैंने भी अपने जीवन में बहुत संघर्ष किया है। उसके बाद ही मैंने अपनी पढ़ाई पूरी की इसीलिए मैं चाहती हूं कि तुम भी बहुत अच्छे से पढ़ो और अपने जीवन में कुछ अच्छा कर पाओ। मुझे उनकी यह बात बहुत अच्छी लगी शायद इसी वजह से मुझे वह मुझे बहुत अच्छी लगने लगी थी और मैं हमेशा ही उनकी तरफ ध्यान से देखता रहता था।

एक दिन वह स्कूल में बहुत माल बनकर आई हुई थी मैं उन्होंने बहुत घूर कर देख रहा था। मेरा उस दिन बहुत मूड खराब हो गया और जब मैं उनके घर गया था तो सुहानी मैडम ने उस दिन पतला सा लोअर पहना हुआ था जिसमे वह और भी सेक्सी लग रही थी। मैंने भी जानबूझकर अपने पैंट से अपने लंड को बाहर निकाल लिया वह काफी देर से मेरे लंड को देख रही थी लेकिन मैं जानबूझकर अनजान बना हुआ था। उन्होंने मेरे लंड पर हाथ रखा तो मेरा लंड पूरा खड़ा हो गया उन्होंने उसे हिलाना शुरू कर दिया। हिलाते हिलाते सुहानी मैडम ने उसे अपने मुंह के अंदर ले लिया और बहुत अच्छे से चूसने लगी। उन्होंने मेरे लंड को जैसे चूसा तो मेरे पानी भी निकलने लगा मैंने उनके होठों को किस करना शुरू कर दिया और जब मैं उनके होठों को किस कर रहा था तो मुझे बहुत अच्छा महसूस होने लगा। वह भी अब पूरे मूड में आ चुकी थी और उन्होंने जैसे ही अपने लोअर को नीचे किया तो उनकी मोटी मोटी जांघे मेरे सामने थी वह बहुत ही मुलायम और नरम थी। उन्होंने अपने टी-शर्ट को भी उतार दिया उनके  स्तन बड़े गोल और मुलायम थे मैंने उनके स्तनों को अपने मुंह में लेकर चूसने शुरू कर दिया। मै बहुत देर तक उनके स्तनों का चूसता रहा उसके बाद मैंने अपने लंड को उनकी योनि में डाल दिया जब मेरा लंड उनकी योनि में गया तो वह चिल्लाने लगी। मुझे भी बड़ा अच्छा महसूस होने लगा क्योंकि यह मेरे लिए किसी सपने से कम नहीं था सुहानी मैडम को चोदना मेरे लिए एक सपने जैसा ही था। मैंने उनके दोनों पैरों को कसकर पकड़ लिया और बड़ी तीव्रता से झटके मारने लगा उनके दोनों पैर मेरे कंधे पर थे मैं बड़ी तेज तेज उन्हें  चोदे जा रहा था। मैं उनके चूचो को अपने मुंह में लेकर चूसे जा रहा था मुझे बड़ा अच्छा महसूस हो रहा था जब मैं उन्हें झटके मार रहा था। मेरा यह पहला अनुभव था इस वजह से मैं ज्यादा समय तक मैदान में टिक नहीं पाया मेरा वीर्य गिर गया। जब मेरा वीर्य पतन हुआ तो मुझे बहुत अच्छा महसूस होने लगा और उसके बाद मैं सुहानी मैडम के साथ सेक्स करता हूं यह बात हमारे अलावा किसी को भी नहीं पता। मैंने इस वर्ष अपनी अपनी कक्षा में टॉप भी कर लिया है यह सब सुहानी मैडम की वजह से ही हुआ।

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