मैं अमित सूरत से लिख रहा हूँ। मैंने काफी कहानियाँ पढ़ीं हैं, और मैं अपनी कहानी सुनाने जा रहा हूँ। मेरी लम्बाई 5 फीट 8 इंच है। मैं दिखने में सामान्य हूँ, पर सेक्स में बहुत तेज़ हूँ। मैं सूरत, गुजरात का रहनेवाला हूँ। अब मैं सीधा बात पर आता हूँ।
मेरी एक चाची है जिसका नाम स्वाति है, वह दिखने में सुन्दर है, साफ-गोरा बदन 36-28-38 की फिगर है। मैं उसे हमेशा से पसन्द करता था। मैं छुप-छुप कर उसे देखा करता था और उसे चोदने के प्लान सोचता रहता था और मेरी इच्छा 8 साल बाद पूरी हुई।
एक दिन उसका बदन बहुत दर्द कर रहा था, मैंने कहा कि लाओ मैं आपका बदन दबा देता हूँ। वह तैयार हो गई। हम लोग उनके कमरे में पहुँचे और उन को पेट के बल सुलाकर मैंने उनका बदन दबाना शुरू कर दिया। मगर वह कुछ न बोली तो मेरी हिम्मत बढ़ गयी, मैं उनके कूल्हों को दबाने लगा, उनके मुँह से आह निकल गई।
उन्होंने मेरी तरफ मुड़ कर देखा पर कुछ नहीं बोली। उसे भी बहुत मज़ा आ रहा था। तब मैंने उसकी कमर और पीठ दबानी शुरू कर दी और हल्के-हलके कंधों और हाथों को भी दबाने लगा। करीब पन्द्रह मिनट के बाद मैंने पीठ दबाते-दबाते बगल से उसकी चूची पर हाथ फेर दिया तो वह कुछ नहीं बोली, शायद उसे बहुत मज़ा आया। फिर मैंने उसके टॉप को थोड़ा सा ऊँचा करके उसकी नंगी पीठ को दबाना और हाथ फेरना शुरू किया।
मेरे हाथ धीरे-धीरे उसकी ब्रा को लगने लगे। मैंने उसकी ब्रा का हुक खोल दिया और उसके दोनों सफेद कबूतरों को आज़ाद कर दिया। धीरे से उसको पीठ के बल लिटाकर टॉप ऊपर कर दिया और उसके चूचकों को चूसने और दबाने लगा।
अब उससे रहा नहीं गया और उसने मेरा लण्ड पैंट के ऊपर से ही पकड़ लिया। यह हरी झण्डी पाकर मैंने धीरे से उसका नाड़ा खोल, लँहगे में हाथ डाल दिया और पैण्टी के ऊपर से उसकी चूत को सहलाने लगा, उसने मेरा हाथ पकड़ कर चूत पर दबा दिया, तो मैं समझ गया कि अब यह तैयार है तो मैंने उसके सारे कपड़े एक-एक करके उतार दिए और उसके बदन को चूमना शुरू कर दिया।
जैसे ही मेरी जीभ उसकी चूत पर पहुँची, वह हिल सी गयी और ज़ोर से मेर सिर को चूत पर दबाने लगी। मैं भी बहुत शौक से चाटने लगा, क्योंकि आठ सालों के बाद प्यास बुझाने का मौका मिला था।
उसको चाटते-चाटते मैंने उसकी चूत में ऊँगली भी करनी शुरू कर दी, थोड़ी ही देर में उसने अपना पानी छोड़ दिया। अब मैं अपना 7 इंच का लण्ड उसके मुँह के पास ले गया और उसने फौरन उसे चूसना शुरू कर दिया। वह ऐसे चूस रही थी जैसे छोटे बच्चे को लॉलीपॉप मिल गयी हो।
10 मिनटों के बाद मेरा भी माल निकल गया।
अब मैंने फिर से उसकी चूत में ऊँगली करनी शुरू कर दी, और वह दुबारा मेरा लण्ड चूसने लगी। थोड़ी ही देर में हम फिर से तैयार थे।
मैंने उसे सीधा लिटा दिया और पैर फैला दिये, मैं बीच में आ गया और धीरे से लण्ड को प्रविष्ट करा दिया, फिर तो धक्के पर धक्के लगने लगे। उसे बहुत मज़ा आ रहा था और मैं भी मज़े से चोद रहा था। 5 मिनट में उसको कुतिया की तरह करके पीछे से लण्ड डाल के चोदने लगा। वह भी सामने से धक्के दे रही थी।
20 मिनट की चुदाई के बाद हम दोनों झड़ गए।
उसे इतना मज़ा आया कि वह मौका मिलते ही हमेशा मुझे बुलाने लगी और हमारा काम अब बराबर चलता रहता है।
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