पाठ: 1 योनी मसाज
वजाइना को संस्कृत में योनि कहा जाता है. योनि मसाज की प्रथा भी प्राचीन काल से चली आ रही है. उस समय एक राजा की कई रानियां होती थीं और वह सभी को संतुष्ट नहीं कर पाता था. अत: कुछ नौकरों और किन्नरों को योनि मसाज का काम दिया जाता था. आजकल सेक्स से संबंधित कई समस्याओं, जैसे-सेक्स संबंधी अवरोध आदि के लिए सेक्स थेरैपिस्ट योनि मसाज का इस्तेमाल करते हैं.
पाठ: 2 महाराजाओं का हरम
बहुपत्नी प्रथा के समर्थक प्राचीन काल के राजाओं की कई पत्नियां होती थीं. इसके अलावा वे अपनी प्रेमिकाओं को भी हरम में रखते थे. हरम में रहने वाली महिलाओं का अधिकांश समय सौंदर्य उपचारों में बीतता था, ताकि उनका सौंदर्य राजाओं को रिझाने के लायक बना रहे.
पाठ: 3 पशुओं से सेक्स
यदि आपको लगता है कि पशुओं के साथ सेक्स की सोच एक मानसिक विकार है तो 950 से 1050 ई. के बीच चंदेल राजाओं द्वारा खजुराहो में बनाए गए मंदिरों को देखिए. यहां बनाए गए वास्तुशिल्प में से 10 फ़ीसदी हस्तमैथुन या समलैंगिकता को प्रदर्शित करते हैं. लक्ष्मण मंदिर की बाहरी दीवारों पर मनुष्यों की पशुओं के साथ यौनक्रियाओं को भी उकेरा गया है.
पाठ: 4 सेक्स गंभीर साहित्य बना
वात्सयायन द्वारा सेक्स पर लिखी गई पुस्तक कामसूत्र दुनियाभर में सबसे ज़्यादा प्रसिद्घ है. इसमें 64 भावों के लिए सेक्स की 64 भंगिमाओं का उल्लेख किया गया है. पुराने समय में गुरुकुलों में सेक्स, शिक्षा का अनिवार्य विषय था. पहली से छठवीं शताब्दी के बीच कई विद्वानों ने सेक्स के विषय में जानकारी का संकलन किया, लेकिन इसे अंतिम स्वरूप वात्सयायन ने दिया.
पाठ: 5 राजघरानों पर किन्नरों का प्रभाव
किन्नर राजघरानों में प्रभावशाली स्थान रखते थे. बलिष्ठ, लेकिन स्त्रियों को संतुष्ट कर पाने में असमर्थ होने के कारण वे हरम में अंगरक्षक के पद के लिए सबसे उपयुक्त थे. वैसे तो उन्हें साफ़-सफ़ाई आदि का ही ज़िम्मा सौंपा जाता था, लेकिन क़ाबिल हों तो मंत्री या सेनापति जैसे पद भी दिए जाते थे.
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