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Desi Kahani Gand Hindi Sex Story Kiraye ke Badale Gand marwai - किराए के बदले गांड मरवानी पडी

Kiraye ke Badale Gand marwai - किराए के बदले गांड मरवानी पडी

मेरा नाम कावेरी है मैं राजस्थान के एक छोटे से गांव की रहने वाली हूं, मेरी उम्र 26 वर्ष है। मेरे घर में सिर्फ मेरे पिताजी काम करनेवाले हैं इसलिए मैं नौकरी करने के लिए दिल्ली आ गई। मुझे दिल्ली में दो वर्ष हो चुके हैं। मेरा ऑफिस घर से कुछ ही दूरी पर है लेकिन मैं जहां काम करती हूं वहां पर मेरी तनख्वाह कम है, मेरे साथ मेरे कमरे में एक लड़की और रहती है उसका नाम लता है। हम दोनों ही शेयरिंग करके रहते हैं, लता लखनऊ की रहने वाली है। हम दोनों आधा आधा किराया भरते हैं इसीलिए मैं थोड़े बहुत पैसे बचा पाती हूं। कुछ पैसे मैं अपने घर भेज दिया करती हूं। मेरे मकान मालिक का नाम राकेश है और वह बहुत ही सख्त किस्म के इंसान है इसीलिए हम लोग उनसे ज्यादा बात नहीं करते। उनके घर में उनकी पत्नी और मां रहती हैं।

राकेश किसी विभाग में काम करते हैं। वह दिल्ली में ही काफी वर्षों से रह रहे हैं, उनकी पत्नी के साथ हमारी अच्छी बातचीत है, जब हमारी छुट्टी होती है तो वह हमारे पास आ जाती हैं और हमारे हाल चाल पूछ लिया करती हैं। उनकी पत्नी भी कहती है कि उनके पति का नेचर थोड़ा गुस्से वाला है। एक दिन हमारे घर की मोटर खराब हो गईं, उस दिन हम लोग ही घर पर थे और राकेश जी की फैमिली कहीं बाहर गई हुई थी। मैं जब ऑफिस से लौटी तो उस दिन उन्होंने हमें बहुत ही डांटा, लता को उस दिन यह बात बहुत बुरी लगी और वह कहने लगी कि मैं अब यहां से कहीं और घर बदल लूंगी, मैंने उसे कहा कि मैं भी तो तुम्हारे साथ ही रह रही हूं। वह कहने लगी कि तुम्हें यदि मेरे साथ चलना है तो तुम चल लेना नहीं तो मैं यहां से घर बदली कर रही हूं। लता उस दिन बहुत ही ज्यादा गुस्से में थी, वह मेरी बात बिलकुल भी नहीं मानी और अगले दिन से ही उसने अपने लिए घर देखना शुरू कर दिया। उसी दौरान उसके कॉलेज की दोस्त उसे मिल गई जो कि दिल्ली में ही रहती थी और उसके रूम पार्टनर ने रूम छोड़ दिया था। लता ने जब उससे बात की तो वह कहने लगी कि तुम मेरे साथ ही आ जाओ और मेरे साथ ही रह लेना।

मैं उस वक्त बहुत ज्यादा परेशान हो गई क्योंकि यदि लता उसके साथ शिफ्ट कर लेती तो मेरे ऊपर सारे किराया का भर आ जाता और मैं नहीं चाहती थी कि मेरे ऊपर किराए का बोझ पड़े क्योंकि मेरी तनख्वाह इतनी भी नहीं है कि अकेले सारा किराया भर पाऊ। मैंने सोचा मुझे इस बारे में लता से बात करनी चाहिए, जब मैं ऑफिस से आई तो मैं घर में लता का इंतजार कर रही थी। लता ऑफिस से आ गई, मैंने लता से इस बारे में बात की तो लता कहने लगी कि मुझे भी तुम्हारे घर की स्थिति के बारे में पता है परंतु मैं अब यहां एक भी पल नहीं रहने वाली यदि तुम मेरे साथ चलना चाहती हो तो तुम आ सकती हो लेकिन मैंने अब अपनी दोस्त के साथ बात कर ली है और मैं उसके साथ ही अगले महीने घर शिफ्ट कर लूंगी। लता मेरी बात बिलकुल भी सुनने को तैयार नहीं थी और मैंने भी उसके बाद लता से इस बारे में बात नहीं की। उसने मुझे एक महीने का किराया दे दिया था और वह अगले महीने घर खाली कर के चली गई। उसके जाने के बाद मैं अकेली हो गई थी और मेरी जितनी भी सैलरी के पैसे होते थे उसमें से आधा मेरे किराए में चला जाता था।

 मैं किसी को भी अपने साथ नहीं रखना चाहती थी क्योंकि लता और मेरी अच्छी बातचीत थी इसलिए हम साथ मे थे लेकिन मैं किसी और क साथ एडजेस्ट नहीं कर सकती थी इसीलिए मैं अकेली ही रहने लगी। मैं सुबह अपना ऑफिस जाती और शाम को अपने ऑफिस से घर लौटती थी। कभी कबार लता मुझे फोन कर लिया करती थी और मेरा हाल चाल पूछ लेती थी। जब मैं अपने आप को अकेला महसूस करती तो मैं अपने घर पर फोन कर दिया करती थी। मेरे घर वाले हमेशा ही मुझे कहते कि तुम अपना ध्यान नहीं रखती हो, क्योंकि मैं बहुत ज्यादा कमजोर हो गई हूं इसीलिए मेरे घरवाले मुझे यह बात कहते थे। मैंने एक दिन अपने घर वालों को अपनी फोटो भेजी तो उन्होंने उस में देखा कि मैं बहुत कमजोर हो गई हूं, मेरी मां मेरी बहुत चिंता करती है वह कहने लगी कि तुम अपना ध्यान बिल्कुल भी नहीं रख रही हो, यदि तुम अपना ध्यान रखो।

मेरी माँ कहने लगी हम तुम्हारे लिए रिश्ता देखना चाहते हैं, मैंने अपनी मां से कहा कि अभी से तुम लोग मेरे लिए रिश्ता मत देखो क्योंकि अभी घर की स्थिति भी ठीक नहीं है और मेरी शादी में भी बहुत खर्चा होगा इसीलिए मैं नहीं चाहती कि तुम लोग अभी से मेरे लिए रिश्ता देखने लगो। मेरे पिताजी मुझे कहने लगे कि शादी तो तुम्हें करनी ही पड़ेगी, जितनी जल्दी तुम शादी कर लो उतना ही हमारे लिए भी अच्छा रहेगा क्योंकि तुम्हें तो घर की स्थिति के बारे में पता ही है। मैंने उन्हें कहा कि मुझे घर की स्थिति के बारे में पता है लेकिन मैं भी दिन रात मेहनत कर के पैसा जमा कर रही हूं ताकि आपके ऊपर मेरी शादी का बोझ ना पड़े। मेरे माता और पिता मुझसे बहुत खुश रहते हैं और कहते हैं कि तुम जिस प्रकार से मेहनत करती हो हमें बहुत अच्छा लगता है। वह बचपन से ही मुझे बहुत अच्छा मानते हैं। मेरा हमेशा का ही वही रूटीन था, मैं सुबह अपने ऑफिस जाती और शाम को अपने घर लौटती थी। शाम को जब मैं घर लौटती तो मैं बहुत थक जाती थी और मैं खाना बना कर जल्दी सो जाती थी। मैं जिस कंपनी में काम कर रही हूं उस कंपनी में मुझे कुछ महीने तक तनख्वाह नहीं मिली इसलिए मैंने राकेश जी से बात की कि मैं आपका किराया कुछ समय बाद दूंगी, उन्होंने कहा ठीक है तुम कुछ समय बाद किराया दे देना लेकिन जब मेरी तनख्वाह नहीं आई तो वह बार-बार मुझे यही बात पूछने आ जाते थे और कहते कि तुम किराया कब दोगी, मैंने उन्हें कहा कि मुझे आप कुछ और समय दीजिए मैं आपको किराया दे दूंगी।

उसी दौरान मेरे पास जो बचे हुए पैसे थे वह मैंने अपने घर पर दे दिये थे क्योंकि उन्हें भी पैसों की आवश्यकता थी और मेरे पास सिर्फ अपना खर्चा चलाने के लिए ही पैसे बचे थे। राकेश जी मेरे पास आकर हमेशा ही कहते कि तुम जल्दी से किराया दे दो नहीं तो तुम घर खाली कर दो। मैंने उनसे कुछ समय मांगा और कहा कि मैं आपको 10 दिन के अंदर किराया दे दूंगी, वह कहने लगे ठीक है तुम 10 दिनों के अंदर किराया दे देना, नहीं तो तुम घर खाली कर देना। मुझे चिंता होने लगी थी और मैंने अपने ऑफिस में भी बात की लेकिन मेरे ऑफिस में मुझे कहा कि तुम समस्या को कुछ समझने की कोशिश करो, हम तुम्हें पैसे दे देंगे। लेकिन मुझे तो 10 दिनों के अंदर पैसे चाहिए थे और धीरे-धीरे समय बीत रहा था और पैसों का इंतजाम कहीं से भी नहीं हो पा रहा था इसलिए मैं बहुत ज्यादा परेशान हो गई। दसवे दिन जब राकेश मुझसे मिलने आये, तो वह कहने लगे कि क्या तुमने किराये का इंतजाम कर दिया है, मैं उस दिन अपने कमरे में ही बैठी हुई थी और उस दिन मेरी छुट्टी भी थी। मैंने राकेश जी से कहा कि आप बैठिये मैं आपको पानी पिलाती हूं, मैंने उन्हें पानी पिलाया, उसके बाद वह मुझसे दोबारा वही सवाल पूछने लगे, मैंने उनसे कहा कि मुझे दो दिन का वक्त दीजिए, मैं दो दिन बाद आपका क्या आपको दे दूंगी, वह मुझ पर बहुत गुस्सा हो गए। वह मुझ पर बहुत गुस्सा हो गए और मुझे बहुत अनाप सनाप बोलने लगे।

 वह कहने लगे कि यदि तुम्हारी गांड में दम नहीं है तो तुमने किराए पर घर क्यों ले रखा है। मुझे उनकी बात पर बहुत गुस्सा आया और मैंने भी कहा कि मेरी गांड में कितना दम है यह तुम खुद ही देख लो। मैंने जब यह बात राकेश जी से कहीं तो वह मुझे कहने लगे की यदि तुम मुझे अपनी गांड मरने देती हो तो मैं तुमसे कभी भी किराया नहीं लूंगा। मैंने कहा ठीक है आप दरवाजा बंद कीजिए और उसके बाद मेरी गांड मार लीजिए। राकेश जी ने दरवाजा बंद किया और उसके बाद उन्होंने भी अपने कड़क हो मोटे लंड को बाहर निकाला। मैंने उसे अपने मुंह में ले लिया और बड़े अच्छे से उनके लंड को अपने गले के अंदर लेकर चूसने लगी। मैंने राकेश जी के लंड का पानी निकाल दिया और उन्हें भी बहुत मजा आने लगा। वह कहने लगे तुम अपने पैर चौडे कर के लेट जाओ।

जब मैंने अपने पैर को चौडा कर लिया तो उन्होंने अपने काले और मोटे लंड को मेरी योनि के अंदर डाल दिया। उनका लंड इतना मोटा था कि मेरी चूत में दर्द होने लगा उन्होंने मेरे चूचो को कसकर पकड़ लिया और बड़ी तेज गति से वह मुझे झटके देने लगे। मुझे बहुत मजा आ रहा था काफी देर तक उन्होंने मुझे ऐसे ही चोदा उसके बाद उनका माल मेरी योनि के अंदर गिर गया। उन्होंने अपने लंड को मेरी चूत से बाहर निकाला और मुझे घोड़ी बना दिया। घोडी बनाते ही उन्होंने मेरे किचन में रखे तेल को अपने लंड पर लगा लिया और अच्छे से मसलने लगे। वह मुझे कहने लगे मैं तुम्हारी गांड में दम देखता हूं। मैंने भी अपनी गांड के छेद को चौडा किया और मेरी गांड में जैसे ही राकेश जी ने अपने लंड को टच किया तो मुझे एक अलग प्रकार की फिंलिग आने लगी।

जब उन्होंने धीरे-धीरे मेरी गांड के अंदर अपने लंड को डाला तो मुझे बहुत दर्द महसूस होने लगा। जैसे ही उनका पूरा लंड मेरी गांड में घुसा तो मैं चिल्लाने लगी उन्होंने मेरी चूतडो को कसकर पकड़ लिया। वह मुझे बड़ी तेज तेज धक्के देने लगे और कहने लगे मैं भी उनसे अपनी गांड को टकरा रही थी। मेरी गांड से भी एक अलग ही प्रकार की गर्मी निकल रही थी। वह मुझे कहने लगे कि तुम्हारी गांड से भी कुछ अलग ही प्रकार की गर्मी निकल रही है उन्होंने मुझे बहुत देर तक चोदा लेकिन राकेश जी हार मान रहे थे और ना ही मैं हार मान रही थी। वह भी मुझे झटके दे रहे थे और मैं भी उनके लंड से अपनी चूतड़ों को टकरा रही थी मुझे बहुत मजा आ रहा था और वह पूरे मजे ले रहे थे। जब रकेश जी का लंड पूरी तरीके से क्षतिग्रस्त हो गया तो उन्होंने अपने लंड को मेरी गांड से बाहर निकाला और मेरी गांड के ऊपर अपने माल को गिरा दिया। उसके बाद उन्होंने मुझसे कभी भी किराया नहीं मांगा और मैं आप फ्री में रहती हूं वह मेरी गांड मारने आ जाते हैं।




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Desi Kahani, Gand, Hindi Sex Story
Nov 28, 2018
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