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गांड मारने से हुयी कमाई

मेरा नाम है उजाला और मैं एक सेठ के यहाँ नौकरी करता हूँ | मुझे अपना काम करना बड़ा अच्छा लगता है क्यूंकि पैसा तो मिलता ही है साथ में मिलती है चूत | जी हाँ दोस्तों मैं अपने सेठ की बीवी और बेटी की गांड और चूत मारता रहता हूँ | मैं कई सालों ये करता आ रहा हूँ और मुझे पहले ये सब गलत लगता था पर अब सब चलता है | कभी किसी को चोदना गलत नहीं होता क्यूंकि उसकी चूत भी कुछ चाहती है | तो दोस्तों आज मैं आपको अपने सेठ की कहानी सुनाऊंगा जो कि लड़की छोड़ के लडको के पीछे पड़ा रहता था | मैंने आज भी सोचा था कि आपको ये सब बताके बोर नहीं करूँगा पर मुझे ये बताना बड़ा ज़रूरी है | देखिये दोस्तों कभी भी चुदाई गलत नहीं होती जैसा कि मैं पहले ही बता चूका हूँ पर अगर ये सही तरीके और सही साथी के साथ न हो तो इससे बड़ा पाप कोई और नहीं हो सकता | मैंने इस चीज़ को गौर से महसूस किया है और बड़ी पास से देखा है | दोस्तों मेरे सेठ की कपडे की दूकान है और वो उस जगह की सबसे बड़ी दूकान है हमारी ग्राहकी भी काफी अच्छी है | कुल मिला के बात ये है कि किसी चीज़ की दिक्कत नहीं है पर फिर भी मेरे सेठ को गांड में ऊँगली करवाने की आदत है | दोस्तों मेरे सेठ को ये चस्का उसके बाप से लगा क्यूंकि उसका बाप भी मादरचोद ऐसा ही था और उसके बाद वो लोग मुझे भी ऐसा बना देते पर मैं होशियार का चोदा हूँ | मैंने साफ़ मन कर दिया ऐसा करने से पर हाँ मैंने अपने सेठ की गांड बड़ी तबीअत से मारी है |

तो दोस्तों अब मैं शुरू करता हु अपनी कहानी जो कि बड़ी ही रसीली है | दोस्तों मेरे सेठ का बाप और वो दूकान सँभालते थे तब मैं दूकान में नया था और मुझे इस चीज़ के बारे में कुछ नहीं पता था | एक दिन की बात है एक आदमी आया और उसने कहा बड़ा सेठ कहाँ है | मैंने कहा वो अन्दर हैं खाना खा रहे हैं | तो उसने कहा बुला मादरचोद को बाहर | मैंने सेठ को बुलाया और उस आदमी ने कहा क्यों बे मरवाने के बाद कुछ दे तो सही | सेठ ने उसे नए कपडे दिए वो भी मुफ्त और कुछ पैसे भी और जब वो जाने लगा तो सेठ ने कहा क्यों रे हरामी इतने दिनों बाद आया है कुछ करेगा नहीं क्या ? सेठ उसको ऊपर लेके गया और एक घंटे बाद दोनों नीचे आये और दोनों थके हुए लग रहे थे | मैंने कुछ दिमाग लगाया पर मुझे समझ नहीं आया | फिर कुछ दिन बीते और सेठ बाहर गया तो छोटा सेठ दूकान संभालने लगा और फिर वही आदमी आया और वही साड़ी बातें हुयी | फिर वो आदमी ऊपर गया और एक घंटे के बाद नीचे आया | मुझे शक हुआ कि ये साले अपनी गांड मरवाते हैं | मैंने सोचा अच्छा मौका है९ सालों को पकड़ने का और इनसे पैसा निकलवाने का | मैंने कुछ दिन तक देखा तो कई लोग ऐसे थे जो ऊपर जाते थे सेठ के साथ | एक दिन मैंने सेठ से कहा मैं कल काम पे नहीं आऊंगा मुझे कुछ काम है और मैं निकल गया | अगले दिन मुझे लगा मैं ऊपर वाले कमरे में जाता हूँ और वान छुप के बैठ जाऊँगा | मैंने ऐसा ही किया क्यूंकि ऊपर जाने के दो रास्ते थे एक बाहर से और एक अन्दर से | मैंने बाहर वाले रास्ते से ऊपर जाने का तरीका निकाला और चुपके से गया | वहां दरवाज़ा बंद था पर मैंने जैसे तैसे खिड़की से जगन बने और ऊपर गया |

जब मैं अन्दर गया तो मुझे कई सारी अजीब चीज़ें दिखी उन्हें देख के लग रहा था कि उन सब से गांड मारते होंगे या चूत में डालके हिलाते होंगे | मुझे अब यकीन हो गया था कि ये साले दोनों गांड मरवाते हैं | मैंने सोहा अब मैं देख भी लूँगा और इनको धमकी भी दूंगा पैसे भी मांगूंगा | अब छोटा सेठ दो घंटे बाद कमरे में आया और इस बार कोई जवान लौंडा था उसके साथ | मैंने देखा सेठ ने उसका लंड निकाला और उसके लंड को मुंह में लेके चूसने लगा | जैसे ही उसका लंड खड़ा हुआ उसका लंड कुछ 8 इंच का हो गया | सेठ नंगा हुआ और उसने कहा बस अब मैं इसको चूस के इसका रस पियूँगा | उसने फिर से उस लौंडे का लंड चूसना चालु कर दिया और वो लड़का आःह्ह्ह अह्ह्हह्ह्ह्हह्ह अह्ह्हह्ह्ह्हह्ह उम्म्मम्म्म्म उम्म्मम्म्म्म उम्म्मम्म्म्म करने लगा | वो सेठ को कह रहा था चूस मादरचोद जोर से चूस और आःह्ह्ह अह्ह्हह्ह्ह्हह्ह अह्ह्हह्ह्ह्हह्ह उम्म्मम्म्म्म उम्म्मम्म्म्म उम्म्मम्म्म्म करते जा रहा था | कुछ देर बाद वो आःह्ह्ह अह्ह्हह्ह्ह्हह्ह अह्ह्हह्ह्ह्हह्ह उम्म्मम्म्म्म उम्म्मम्म्म्म उम्म्मम्म्म्म करते हुए सेठ के मुह में झड़ गया और सेठ उसका मुट्ठ पी रहा था | थोड़ी देर बाद उसका ललंड फिर से खड़ा हो गया और इस बार सेठ ने उसका लंड अपनी गांड में घुसा लिया | सेठ की चीख निकल गयी और वो कहने लगा बहनचोद मज़ा आ गया तेरा बड़ा लंड लेके मुझे | चोद मुझे फाड़ दे मेरी गांड मादरचोद कितना पैसा चाहिए बोल पर रोज़ चोदना मुझे | आधे घंटे बाद मैंने देखा सेठ की गांड मुट्ठ से भर गयी और वो लड़का अपने आप को साफ़ करते हुए कपडे पहन रहा था | उतने में मैं बाहर आ गया और मैंने कहा वाह सेठ तो ये करते हो तुम |

वो लौंडा मेरे पास आया और कहा हाँ करता है मादरचोद क्या उखाड़ लेगा बे ? मैंने कहा मैं मालकिन से बता दूंगा और तुमाहरी बेटी से भी | उसने कहा जा बता दे मादरचोद मेरा क्या जाएगा तो इस गांडू का | वो कहने लगा ठीक है सेठ अब मैं जा रहा हूँ मेरा पैसा और कपडे तैयार रखना मैं वापस आऊंगा और इतना कहते हुए वो निकल गया | सेठ की गांड फट गयी और वो मुझसे कहने लगा देख भाई तू जो बोलेगा मैं वो करूँगा बस तू मालकिन से मत बताना | मैंने अपने पैसे और कपडे का काम करवा लिया | कुछ दिन मैंने सोचा चलो जाने दो पर मेरी लालच बढती चली गयी | मैंने सोचा अब मैं दुगना कमाऊंगा और अपने सारे शौक पूरे करूँगा | मैंने मन में सोचा मालकिन को बता दूंगा और खुद बच जाऊंगा | उस दिन मैंने सेठ की गांड मारी और मालकिन को इसके बारे में बता दिया था | मालकिन ने भी सेठ को पकड़ लिया और उस दिन के बाद से मालकिन और उनकी लड़की ही दूकान संभालती | एक दिन हम सब बैठे हुए थे तो मालकिन ने कहा अरे उजाला तुमाहरा लंड काफी बड़ा लग रहा था उस दिन | मैंने कहा मालकिन बड़ा ही है | वो मेरे पास आई और अपनी बेटी को भी लायी | उन्होंने मेरे लंड को बाहर निकाला और उनकी बेटी ने मेरे गोटे को पकड़ लिया | वो दोनों मेरे लंड से खेल रहीं थी और कह रही थी क्या मस्त लंड है यार | मैं भी बारी बारी उनके दूध दबा रहा था और उनकी चूत पे ऊपर से ही हाथ फेर रहा था | कुछ देर बाद हम सब गरम हो गए और ऊपर जाके सब नंगे हो गए | उन दोनों का बदन क़यामत था | मैंने उनके बदन को चूमना और चूसना चालु कर दिया | कभी मालकिन के दूध चूसता तो कभी उनकी बेटी की चूत चाटने लग जाता | वो दोनों बारी बारी मेरे लंड को चूस रही थी | कुछ देर बाद मेरे लंड से मुट्ठ की बारिश हो गयी और उन दोनों ने सारा मुट्ठ अपने बदन पे गिरा लिया | वो दोनों एक दुसरे को चाटने लगीं और फिर मालकिन ने मेरे लंड को अपनी चूत में घुसा लिया और मैं उनको चोदने लगा | मेरे दो झटके लगे और उसकी चीख निकल गयी फिर कुछ देर बाद वो आःह्ह्ह अह्ह्हह्ह्ह्हह्ह अह्ह्हह्ह्ह्हह्ह उम्म्मम्म्म्म उम्म्मम्म्म्म उम्म्मम्म्म्म करते हुए चुदवाने लगी और उसकी बेटी अपनी चूत में मुझसे ऊँगली करवा रही थी | फिर उसने अपनी बेटी को आगे किया और उसकी चूत में भी मैंने पना लंड एक झटके में अन्दर कर दिया | वो भी रोने लगी पर कुछ देर बार शान्ति से चुदवाने लगी | मुझे दोनों को चोदने में बड़ा मज़ा आ रहा था और मुझे बस उनकी आःह्ह्ह अह्ह्हह्ह्ह्हह्ह अह्ह्हह्ह्ह्हह्ह उम्म्मम्म्म्म उम्म्मम्म्म्म उम्म्मम्म्म्म की आवाजें सुनाई दे रहीं थी |

फिर उन दोनों ने कहा हमारी गांड भी मारो तो मैंने उन दोनों की गांड को लपक के चोदा | मालकिन गांड मरवाते हुए झड़ गयी और वो लेट गयी | उसके बाद उनकी बेटी की गांड में मैंने अपना लंड डाला और उसको 20 मिनट तक चोदा और फिर मैं भी झड़ गया | उस दिन के बाद मैंने हमेशा उनकी मस्त चुदाई की और वो दोनों मुझे पैसे देती है | सेठ भी मुझे पैसे देता है गांड मारने के और मेरी जिंदगी आलीशान हो गयी |

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